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भारत में जज कैसे बने - आयु, योग्यता, वेतन | How to become Judge : Age, eligibility, salary, in hindi

कई व्यक्तियों का सपना जज बनना होता है परंतु क्या आपको पता है जज कैसे बनते है, आज हम आपको बताएँगे जज कैसे बने, How to become a judge और जज बनने के लिए Age व Eligibility क्या है :-

How to become in india


    प्रत्येक व्यक्ति की चाह होती है की वह ऐसी नौकरी करे जिसमे उसे अच्छा वेतन मिलने के साथ-साथ प्रतिस्ठा भी मेले तो हम आपको बता दें की आप Judge बन सकते है

     जिसमे आपको अच्छा वेतन मिलने के साथ-साथ समाज में अत्यंत प्रतिष्ठा भी मिलती है और जज को समाज में उच्च प्रतिष्ठा की दृष्टि से भी देखा जाता है

    तो चलिये जानते है की जज कैसे बने व judge बनने की प्रक्रिया क्या है व जज का वेतन कितना होता है व साथ-ही साथ जज बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए भारत में न्यायालयों के कितने प्रकार हैं।


    जज किसे कहते है | What is judge

    जज उस पद का नाम है जो किसी विधिक कार्यवाही में, चाहे वह सिविल हो या दांडिक व्यक्ति को न्यायनिर्णय करने का अधिकार प्रदान करता है,

    साधारण भाषा में कहें तो, जज वह व्यक्ति होता है जिसे विधि के अधीन किसी विधिक कार्यवाही मे चाहे वह सिविल हो या दांडिक आदेश व निर्णय देने का अधिकार प्राप्त है । 

    जज कौन बन सकता है | Who can become a judge

    जज बनने के लिए किसी भी व्यक्ति के पास कुछ साधारण योग्यता होनी चाहिए :-
    1. व्यक्ति भारत का नागरिक होना चाहिए
    2. व्यक्ति के पास मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से विधि में स्नातक ( LL.B ) की डिग्री हो
    3. व्यक्ति का नाम भारत के किसी भी राज्य के बार मे दर्ज हो
    5. व्यक्ति की आयु 21 वर्ष से 35 वर्ष के बीच हो
    4. व्यक्ति ने Civil judge II क्लास की प्रतियोगिता परीक्षा को उत्तीर्ण कर लिया हो
    यदि किसी भी व्यक्ति के पास उपरोक्त योग्यताएँ है तो वह जज बन सकता है।

    भारत में जज कैसे बने | How to become judge in india

    जज बनने के लिए आपको कुछ योग्यताएँ हंसिल करनी होगी

    1. 12वी कक्षा पास करें

    जज बनने के लिए आपको सबसे पहले 12वी कक्षा पास करने होगी 

    2. LL.B Course मे प्रवेश लें

    LL.B जिसे bachelor Of Law कहा जाता है यह एक Graduation लेवल की डिग्रीहोती है जिसके अंतर्गत विधि के विषय आपको पढ़ाए जाते जिसमें विभिन्न विधियाँ और पूर्व के वाद 

    जैसे - CRPC, IPC, Indian Evidence Law Property Law, Family Law, आदि है क्योकि विधि के ज्ञान के बिना आप किसी के साथ न्याय कैसे कर सकते है और आप सही गलत की पहचान नहीं कर सकते है।


    LL.B में Admission दो आधारो पर कारवाई जाती है

    A) 12वी - यदि आपने 12वी कक्षा पास कर ली है तो आप LL.B में प्रवेश ले सकते हैं यह 12वी करने के बाद 5 वर्ष का कोर्स होता है, भारत मे LL.B में प्रवेश लेने के लिए प्रत्येक वर्ष प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाते है आप प्रवेश परीक्षा प्राप्त करके आप LL.B Admission ले सकते है, या आप प्राइवेट विश्वविद्यालय से भी Admission ले सकते है।

    B) स्नातक (Graduation) -  यदि आपने स्नातक (Graduation) की उपाधि प्राप्त कर ली है तो आप LL.B में प्रवेश ले सकते हैं यह स्नातक (Graduation) के बाद 3 वर्ष का कोर्स होता है, भारत मे LL.B में प्रवेश लेने के लिए प्रत्येक वर्ष प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाते है आप प्रवेश परीक्षा प्राप्त करके आप LL.B Admission ले सकते है।

    3. जज की Vacancy आने पर आवेदन करें

    यदि आपने विधि स्नातक LL.B की डिग्री प्राप्त कर ली है तो आपको चाहिए की जज की वेकेंसी आने पर आवेदन करें ।

    4. परीक्षा दें

    जज बनने के लिए प्रतियोगिता प्रतियोगिता परीक्षा विभिन्न राज्यों के द्वारा कारवाई जाती है, और इन परीक्षाओं का अपना एक सिलैबस है, साथ ही यह परीक्षा तीन चरणों में कारवाई जाती है
    A) preliminary
    B) Mains
    C) Interview
    यदि आप इन परीक्षाओं को उत्तीर्ण कर लेते हैं तो आप जज बन सकते है

    जज बनने के लिए आपके पास सुनिश्चित योग्यता होनी चाहिए और जज बनने के लिए आपको सबसे पहले आपको भारत में न्यायालयों  श्रेणियों के बारे में पता होना चाहिए

     क्योंकि आप सीधे उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालय के जज नहीं बन सकते है तो जानते है क्या होती है भारत में न्यायालयों की श्रेणियाँ जानते है ।


    भारत में न्यायालयों की श्रेणियाँ |  Hierarchy Of Courts In India

    भारत का सर्वोच्च न्यायालय ( Supreme Court of India )

                           उच्चतम न्यायालय भारत का सर्वोच न्यायल्य होता है जिसके आदेश भारत के सभी न्यायालयों पर लागू होते है और यह पूरे भारत में विधि के शासन को नियंत्रित व कार्यान्वित करता है 

    और यह भारतीय संविधान के अंतर्गत आने वाली सर्वोच्च न्याय प्रणाली की संस्था है।

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    राज्यों का उच्च न्यायालय ( High Court )

    भारत में विधि के शासन को स्थापित व सुगम रूप से क्रियान्वित करने के लिए भारतीय संविधान के द्वारा भारत के भिन्न भिन्न राज्यों के अलग अलग उच्च न्यायालयों का प्रावधान किया गया है जिसमे इनकी अधिकारिता उसी राज्य के अंतर्गत होती है जिस राज्य के लिए वह स्थापित किया गया है।


    जिला एवं सत्र न्यायालय ( Session And District Court )

    भारत के प्रत्येक राज्य के प्रत्येक जिले में जिला एवं सत्र न्यायालय स्थापित किए गए है जिसके अंतर्गत वह उसी राज्य में अधिकारिता रखते है जिसमे वे स्थापित किए गए है इसके अंतर्गत तीन श्रेणियाँ है -

    district and Session Court


    दीवानी न्यायालय - जमीन ज्यायजद आदि प्रकार के कानूनी विवाद

    फोजदारी न्यायालय - लड़ाई झगड़े आपराधिक प्रकार के कानूनी विवाद

    राजस्व न्यायालय -  कर संबंधी कानूनी विवाद

    प्रारम्भिक रूप से आपकी जज बनने की शुरुआत सिविल जज जूनियर डिविजन से होती है परंतु ऐसा नहीं है के प्रारम्भ में आप सिविल जज ही बन सकते हैं अपितु आप हाइयर जुड़ीशियल एक्जाम देकर जिला जज भी बन सकते है।


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    जज का वेतन कितना होता है | Salary of judge

    समान्यतः जज का वेतन 80000 से 90000 तक होता है यह जज के पद व अनुभव के आधार पर दिया जाता है



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