प्रत्येक व्यक्ति की चाह होती है की वह ऐसी नौकरी करे जिसमे उसे अच्छा वेतन मिलने के साथ-साथ प्रतिस्ठा भी मेले तो हम आपको बता दें की आप Judge बन सकते है
जिसमे आपको अच्छा वेतन मिलने के साथ-साथ समाज में अत्यंत प्रतिष्ठा भी मिलती है और जज को समाज में उच्च प्रतिष्ठा की दृष्टि से भी देखा जाता है
तो चलिये जानते है की जज कैसे बने व judge बनने की प्रक्रिया क्या है व जज का वेतन कितना होता है व साथ-ही साथ जज बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए भारत में न्यायालयों के कितने प्रकार हैं।
जज किसे कहते है | What is judge
जज कौन बन सकता है | Who can become a judge
भारत में जज कैसे बने | How to become judge in india
1. 12वी कक्षा पास करें
2. LL.B Course मे प्रवेश लें
LL.B जिसे bachelor Of Law कहा जाता है यह एक Graduation लेवल की डिग्रीहोती है जिसके अंतर्गत विधि के विषय आपको पढ़ाए जाते जिसमें विभिन्न विधियाँ और पूर्व के वाद
जैसे - CRPC, IPC, Indian Evidence Law Property Law, Family Law, आदि है क्योकि विधि के ज्ञान के बिना आप किसी के साथ न्याय कैसे कर सकते है और आप सही गलत की पहचान नहीं कर सकते है।
A) 12वी - यदि आपने 12वी कक्षा पास कर ली है तो आप LL.B में प्रवेश ले सकते हैं यह 12वी करने के बाद 5 वर्ष का कोर्स होता है, भारत मे LL.B में प्रवेश लेने के लिए प्रत्येक वर्ष प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाते है आप प्रवेश परीक्षा प्राप्त करके आप LL.B Admission ले सकते है, या आप प्राइवेट विश्वविद्यालय से भी Admission ले सकते है।
3. जज की Vacancy आने पर आवेदन करें
4. परीक्षा दें
जज बनने के लिए आपके पास सुनिश्चित योग्यता होनी चाहिए और जज बनने के लिए आपको सबसे पहले आपको भारत में न्यायालयों श्रेणियों के बारे में पता होना चाहिए
क्योंकि आप सीधे उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालय के जज नहीं बन सकते है तो जानते है क्या होती है भारत में न्यायालयों की श्रेणियाँ जानते है ।
भारत में न्यायालयों की श्रेणियाँ | Hierarchy Of Courts In India
भारत का सर्वोच्च न्यायालय ( Supreme Court of India )
उच्चतम न्यायालय भारत का सर्वोच न्यायल्य होता है जिसके आदेश भारत के सभी न्यायालयों पर लागू होते है और यह पूरे भारत में विधि के शासन को नियंत्रित व कार्यान्वित करता है
और यह भारतीय संविधान के अंतर्गत आने वाली सर्वोच्च न्याय प्रणाली की संस्था है।
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राज्यों का उच्च न्यायालय ( High Court )
जिला एवं सत्र न्यायालय ( Session And District Court )
भारत के प्रत्येक राज्य के प्रत्येक जिले में जिला एवं सत्र न्यायालय स्थापित किए गए है जिसके अंतर्गत वह उसी राज्य में अधिकारिता रखते है जिसमे वे स्थापित किए गए है इसके अंतर्गत तीन श्रेणियाँ है -
दीवानी न्यायालय - जमीन ज्यायजद आदि प्रकार के कानूनी विवाद
फोजदारी न्यायालय - लड़ाई झगड़े आपराधिक प्रकार के कानूनी विवाद
राजस्व न्यायालय - कर संबंधी कानूनी विवाद
प्रारम्भिक रूप से आपकी जज बनने की शुरुआत सिविल जज जूनियर डिविजन से होती है परंतु ऐसा नहीं है के प्रारम्भ में आप सिविल जज ही बन सकते हैं अपितु आप हाइयर जुड़ीशियल एक्जाम देकर जिला जज भी बन सकते है।
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